श्री विद्या त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर के बारे में :

Shrividyastro यह शब्द मां त्रिपुरा सुंदरी की शक्तिपीठ से ही लिया गया है यानी कि यह वेबसाइट मां श्री विद्या त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर की वेबसाइट है इस पेज में हम अपनी वेबसाइट की सर्विसों के साथ-साथ माता रानी की शक्तिपीठ से भी आपको अवगत कराने जा रहे हैं क्योंकि माता रानी की यह शक्तिपीठ अब से 300 वर्ष प्राचीन हैं जहां मां त्रिपुरा सुंदरी तांत्रिक यांत्रिक और वेद युक्त पद्धति से पांच महात्माओं पर विराजित हैं मैया रानी का यह अद्भुत स्वरूप देखकर भक्तगणों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं इसी के अलावा इस शक्तिपीठ के अंदर और भी देवी देवताओं की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा वेद युक्त पद्धति से की गई है जिनमें से सर्व शक्तिशाली मां बगलामुखी मां काली शिव परिवार मां दुर्गा लक्ष्मी नारायण महाकाल बटुक भैरवनाथ हनुमान जी महाराज राधा कृष्ण मां शाकंभरी विराट रूप मां सरस्वती श्री शनि देव आदि सभी देवी देवता प्राण प्रतिष्ठा उपरांत स्थापित हैं | इतनी शक्तिपीठ में ज्योतिष के साथ-साथ कर्मकांड संबंधित सभी विषयों के बारे में जानकारी मिलती है मां श्री विद्या शक्तिपीठ के पीठआदिश्वर पंडित कृष्ण दत्त शर्मा जी हैं शक्तिपीठ के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उनसे संपर्क भी कर सकते हैं

हमारा उद्देश्य :

हमारा उद्देश्य है कि हम ज्योतिष विज्ञान के माध्यम से सब लोगों को यह बता संके कि ज्योतिष एक अद्भुत ज्ञान है जिसकी सहायता से हम अपने आने वाले मार्ग को बहुत बेहतर बना सकते हैं वर्तमान में चल रही समस्या को समाप्त कर सकते हैं और यह हमारा उद्देश्य है कि हम ज्योतिष की सहायता से हर एक उसे व्यक्ति की सहायता कर संके जो अपने जीवन में हताश हो चुका है परेशान हो चुका है जिसको उसके सामने क्या करना है कार्य करने की दिशा नहीं पता चल रही और वह चारों तरफ से परेशानियों से गिर गया है ऐसे समय में ज्योतिष हमारी सहायता करती है आपकी विपरीत परिस्थितियों को अच्छा और बेहतर बनाने के लिए और आपके मन मुताबिक परिणाम हासिल करवाने के लिए ज्योतिष आपको बहुत अच्छा मार्गदर्शन प्रदर्शित करती है बशर्ते आपकी जन्म पत्रिका का सटीक और सही विश्लेषण हो तो यह पता ना करना बहुत आसान हो जाता है कि कब आपका अच्छा समय यानी गोल्डन पीरियड आएगा या कौन सा उपाय करने से आप अपनी परेशानी से पूर्ण रूप से मुक्त हो सकते हैं

हमें क्यों चुनें

ज्योतिष शास्त्र में ज्योतिषीय गणना करने के लिए कई प्रकार की पद्धतियां बताई गई हैं आप हमसे ही अपनी जन्म पत्रिका का विश्लेषण क्यों करवाई इसके कई महत्वपूर्ण कारण है क्योंकि हमारी ज्योतिष संस्थान में आपको हर एक पद्धति के आधार पर आपका फलादेश जानने की सुविधा प्राप्त होती है हमारी संस्थान में यानी मां श्री विद्या त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ में आपको कृष्णमूर्ति पद्धति विशेषज्ञ ,लाल किताब विशेषज्ञ, पाराशर विशेषज्ञ, हस्तरेखा, वास्तु विशेषज्ञ ,जैमिनी विशेषज्ञ, यानी के ज्योतिष शास्त्र की हर एक बड़ी पद्धति के आधार पर आपको फलादेश जानने की सुविधा प्राप्त होती है यानी यदि आप किसी एक पद्धति पर विश्वास रखते हैं तो उसे पद्धति के विशेषज्ञ से आप बात करके अपनी जन्मपत्रिका का सटीक विश्लेषण करवा सकते हैं और अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं

शक्तिपीठ में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रम:

1. श्री शतचण्डी महायज्ञ : ( चैत्र मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक )हमारी शक्तिपीठ में निरंतर कई वर्षों से प्रत्येक वर्ष श्री शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाता है इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्ये भक्तो का कल्याण करना उनके दुखो को दूर करना एवं समस्त प्रकार के असाध्य कार्यो को माँ की कृपा से पूर्ण करना होता है इस महायज्ञ में दुर्गा सप्तशती के 100 पाठ विद्वान ब्राह्मणों द्वारा संपन्न किए जाते हैं तदुपरांत उनका हवन यज्ञ पूर्णाहुति महाआरती एवं भंडारा पूर्ण कर इस महा यज्ञ को संपन्न किया जाता है| इस महा यज्ञ का आयोजन कर्मकांड शिरोमणि आचार्य पंडित कृष्ण दत्त शर्मा जी के सानिध्य में पूर्ण कराया जाता है|

2. श्री महाकाल भैरव अष्टमी महोत्सव : प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी को महाकाल भैरव नाथ जी का पावन महोत्सव श्री विद्या त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ में आयोजित किया जाता हे | जिसमे महाकाल भैरव नाथ जी को प्रसन्न करने के लिए भैरव पाठ, भैरव मदिरा अभिषेक, अष्ट भैरव दीप दान पूजा , भैरव तंत्र पूजा उपरांत हवन यज्ञ पूर्णाहुति के पश्चात भंडारे का आयोजन किया जाता है | इस पूजा का महत्व यह हे की इस कलियुग में शनि राहु केतु अथवा नवग्रह कुंडली में जितने भी ग्रह दोष बनाते हे इस दिन भैरव पूजा में प्रतिभाग करने से सब ग्रह दोष शांत हो जाते हे इसके अलावा कोर्ट कचेहरी मुकदमा ,रोग शत्रु , तंत्र बाधा , मारण मोहन वशीकरण स्तम्भन उच्चाटन आदि षट्कर्म की पीड़ाये इनकी पूजा से दूर हो जाती है | महाकाल भैरव नाथ जी के इस पवन महोत्सव में भक्तगण प्रतिवर्ष प्रतिभाग करते हे एवं अपना योगदान प्रदान करते हे | इस पुण्य कार्येकर्म का आयोजन भी कर्मकांड शिरोमणि आचार्य पंडित कृष्ण दत्त शर्मा जी के सानिध्य में पूर्ण कराया जाता है |

शक्तिपीठ का परिसर :

मां श्री विद्या त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर का परिसर बहुत सुंदर एवं भव्य है | चारों तरफ अनेक देवी देवताओं की मूर्तियां मंदिर को सुसज्जित बना देती हैं मंदिर प्रांगण के बीचो-बीच त्रिकोण आकार का यज्ञ कुंड विद्यमान है जिसमें हजारों यज्ञ संपन्न किए जा चुके हैं | मंदिर में संपूर्ण शिव परिवार बहुत सुंदरता के साथ में विराजमान है जहां कई लोग एक साथ बैठकर एक समय में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर सकते हैं | इसी के अलावा मां पीतांबरा बगलामुखी मैया की बहुत ही चमत्कारी पीठ है जहां लोग दूर-दूर से आकर तंत्र बाधा, कोर्ट कचेहरी मुकदमा, असाध्य कार्यों के कारण परेशान होकर हर जगह से निराश होने के बाद यहाँ आते हे और माता की कृपा से अपनी खाली झोली भरकर लेकर जाते हैं | इसी के अलावा इस शक्तिपीठ में हर प्रकार के कर्मकांड,पूजापाठ,मंत्र जाप ,अनुष्ठान विधि विधान से करने की सुविधा उपलब्ध है |

शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर एवं सहयोगी:

ब्रह्मलीन अनंत श्री विभूषित पंडित श्री बालकृष्ण शास्त्री जी

शक्तिपीठ के संस्थापक

शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर पंडित श्री कृष्ण दत्त शर्मा

कर्मकांड विशेषज्ञ एवं श्री विद्या ,बगलामुखी , भैरव उपासक

Astrologer Sachin Sharma

K.P, Nakshatra Jyotish & Vastu Expert

Astro Shivam Mishra

Face Reader And Laal Kitab Expert

Astrologer Praveen Ji

HasthRekha Expert

Astrologer Sonu Shandilya

Swapna Shashtra Visheshagya

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हिंदू धर्म में दान का खास महत्व है. व्यक्ति को दान करते रहना चाहिए. क्योंकि मरणोपरांत सारी चीजें यहीं छूट जाती है, लेकिन पुण्य कर्म ही व्यक्ति के साथ जाते हैं. इसलिए अपने सामर्थ्यनुसार दान करते रहें.| दूसरा दान हमेशा सुपात्र को देना चाहिए अथवा जहा दान दिया जा रहा हो उस दान का सदुपयोग हो रहा हो यह सुनिश्चित करना चाहिए | हमारी शक्ति पीठ में दान देने से आप अपना भी कल्याण करते हे शक्तिपीठ में आने वाले दान की कुल राशि प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले पूजा पाठ आदि कार्यो में लगायी जाती हे जिसके पुण्य लाभ के भागी आप जैसे दानी लोग बनते हे इसलिए सामर्थ्य अनुसार दान करे एवं माता की कृपा के पात्र बने – श्री विद्या त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर से जुड़ने के लिए धन्यवाद |

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